1. कन्द का रंग भूरा और स्वाद कुछ………………2. तो आनन्द कन्द का ब्रज था। 3. इसके कन्द का लेप local anaesthesia का काम भी काम बखूबी करता है. 4. इसका स्वाद हल्का मीठा होता है, लेकिन प्रत्येक कन्द का कुछ भाग अस्वादु होता है। 5. ब्राह्मणों को भोजन कराना, श्वेत वस्त्र का दान करना, फल और कन्द का दान करना भी लाभकारी होता है। 6. Delivery के समय नाभि पर इसके कन्द का लेप करें तो बहुत आसानी से delivery हो जाती है. 7. ब्राह्मणों को भोजन कराना, श्वेत वस्त्र का दान करना, फल और कन्द का दान करना भी लाभकारी होता है। 8. इस कन्द का वर्णन प्राचीन ग्रंथो मे नही मिलता है पर चीनी ग्रंथो मे इसे सम्मानीय स्थान प्राप्त है। 9. इन रोटियों और पूड़ियों के साथ साग के लिए दो कन्द का प्रयोग किया जाता है-आलू और अरवी 10. अगर शक्ति प्राप्त करनी है तो इसके पावडर के साथ गंभारी फल और विदारी कन्द का पावडर मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें.